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War & Peace by Leo Tolstoy

  "युद्ध और शांति" - सारांश "युद्ध और शांति" लियो टॉलस्टॉय का एक महान काव्यात्मक उपन्यास है, जो 1805 से 1812 के बीच की अवधि में रूस की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को दर्शाता है। यह उपन्यास मुख्यतः नेपोलियन के आक्रमण के समय की घटनाओं और इसके परिणामस्वरूप रूस में हुए सामाजिक परिवर्तनों पर केंद्रित है। कहानी का संक्षिप्त विवरण मुख्य पात्र : पियरे बेजुखोव : उपन्यास का एक प्रमुख पात्र, जो एक अनपेक्षित वारिस है और अपनी पहचान और जीवन के उद्देश्य की खोज करता है। प्रिंस आंद्रेई बोलकोन्स्की : एक युद्ध का अनुभवी सैनिक, जो युद्ध और जीवन की व्यर्थता को महसूस करता है। नताशा रोस्तोवा : एक युवा और जीवंत लड़की, जो प्यार और जीवन में अपने स्थान की खोज में है। कथानक विकास : उपन्यास की शुरुआत पेरिस में होती है, जहां नताशा, पियरे और आंद्रेई की कहानियाँ एक-दूसरे से जुड़ती हैं। यह तीनों पात्र अपने-अपने संघर्षों और इच्छाओं में उलझे हुए हैं। युद्ध : नेपोलियन के आक्रमण के बाद, रूस के विभिन्न वर्गों के लोगों पर इसका प्रभाव स्पष्ट होता है। युद्ध की पृष्ठभूमि में टॉलस्टॉय युद्ध की निरर्थकता और म

ट्रेन टू पाकिस्तान" - खुशवंत सिंह

ट्रेन टू पाकिस्तान" - खुशवंत सिंह    -सारांश:  1956 में प्रकाशित हुई *"ट्रेन टू पाकिस्तान"* 1947 में भारत विभाजन के दौरान की हिंसा पर आधारित एक मार्मिक उपन्यास है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा पर स्थित मनो माजरा नामक एक छोटे से गाँव की कहानी है, जहाँ मुसलमान, सिख, और हिंदू सदियों से शांति से रहते आए हैं। खुशवंत सिंह ने ऐतिहासिक यथार्थ को एक काल्पनिक कहानी में प्रस्तुत किया है।     कहानी का सार -  मनो माजरा की शांति तब भंग हो जाती है जब पाकिस्तान से एक ट्रेन आती है, जिसमें हिंदू और सिखों के शव होते हैं। यह घटना गाँव में संप्रदायिक हिंसा का माहौल बना देती है। गाँव में संदेह, भय और नफरत का माहौल पसरने लगता है, और एकता धीरे-धीरे खत्म होती जाती है। कहानी के मुख्य पात्रों में जुगत सिंह (एक स्थानीय सिख अपराधी लेकिन नेकदिल व्यक्ति), इकबाल (एक पढ़ा-लिखा समाजवादी जो गाँव में आया है), और नूरन (जुगत की प्रेमिका और एक मुस्लिम लड़की) शामिल हैं। जैसे-जैसे तनाव बढ़ता है, जुगत और इकबाल दोनों अपने व्यक्तिगत विचारों और आसपास बढ़ रही नफरत की ताकतों के बीच फँस जाते हैं।   *मुख्य विषय*

Books related to second language learning and their problems

These are those great works that help someone in research to find out the problems in the acquisition of second language learning.  1. "Teaching English as a Foreign Language" by C.J. Brumfit and K. Johnson**    - In-depth Summary: Brumfit and Johnson introduce core strategies in TEFL (Teaching English as a Foreign Language), focusing on creating communicative classrooms. They explore methods like the audio-lingual approach, direct method, and grammar-translation. Each technique is evaluated for its strengths and limitations, particularly in non-native contexts. Importantly, they discuss adapting these methods based on cultural and linguistic factors.    -**Application to Your Research**: This work offers methods for transitioning vernacular-medium students to English. For instance, the grammar-translation method may work initially for students familiar with English structure in vernacular contexts, but communicative methods help increase spoken fluency and confidence.  2. &q

One Word Substitution

   ONE-WORD SUBSTITUTIONS 1. Audience – a number of people listening to a lecture. 2. Altruist – one, who considers the happiness and well-being of others first 3. Atheist – a person who does not believe in God 4. Anthropologist – one, who studies the evolution of mankind 5. Autocracy – government by one person 6. Autobiography – the life history of a person written by himself 7. Amputate – to cut off a part of a person’s body which is infected 8. Arsenal – a place for ammunition and weapons 9. Archives – a place where government or public records are kept 10. Amateur – a man who does a thing for pleasure and not as a profession 11. Aristocracy – government by the nobles 12. Aquatic – animals/plants ere which live in water 13. Amphibian – animals which live both on land and sea 14. Ambidexter – one, who can use either hand with ease 15. Alimony – allowance paid to wife on legal separation 16. Anthology – a collection of poems 17. Abdication – voluntary giving up of the throne in favor

Some idioms not to forget

  SOME IDIOMS TO REMEMBER 📗 (A little bird told me) something that you say in order to let someone know that you are not going to tell them who gave you the information being discussed. 📗 (A pain in the neck) someone or something that is very annoying. 📗 (A piece of cake) something very easy. 📗 (To lay off) to stop using or doing something. 📗 (pigs can fly) There is no chance of that ever happening. 📗 (Dead tired) Totally exhausted or fatigued. 📗 (Call it a day) to quit work and go home; to say that a day's work has been completed. 📗 (In charge of) Having control over or responsibility for. 📗 (In the way) to be close to doing something. 📗 (Be my guest) Help yourself, After you (A polite way of indicating that someone else should go first, help himself or herself to something, or take the last one of something).

Jacques Derrida - Exam point of view

What is the term used by Derrida to refer to the numerous possible meanings that differ from the one? ~ Trace Derrida' s Exam Points ☄️Associated with Deconstruction ☄️Deconstruction-multiple meanings of text. ☄️Part of the Yale School along with scholars including Paul de Man,  Geoffrey Hartman. ☄️According to him 'free play' is disruption of ''presence'' ☄️His Binary Oppositions.(Man /Woman, Inside/Outside, Presence/Absence, Speech/Writing) ☄️Differance- quality of being different. ☄️He is precursor to describe the presence of multiple meanings in literary work. ☄️ His famous term- Aporia {deadlock) He defines Aporia as "no man's land", where the inability to cross becomes the inability to create a formation, structure, project or marking boundaries in his book Aporias (1993) ☄️Aporia refers to unresolvable difficulties a text may open up. ☄️Derrida focused on four areas of paradox: gifts, hospitality, forgiving, and mourning. Aporia is a sta

मूर्ख की तलाश

मुझे कई दिनों से मूर्ख की तलाश है मगर आजतक कोई मूर्ख मिल नहीं सका। हरकोई सयाना, समझदार और विद्वान हैं। मैंने कईयों से पूछा, मगर उन्होंने दूसरों का पता बताया। मैं उस हर आदमी से मिला जहां संभावनाएं दिखती थी फिर भी खाली हाथ! अब मुझे यकीन हुआ है कि दुनिया में कुछ भी मिल सकता है पर मूर्ख आदमी नहीं। यहां हरकोई दूसरे को मूर्ख कह रहा है, साबित करने में तूला हुआ है। उसे अपनी समझ पर जरा भी शक नहीं। मैं,कभी गलत होता ही नहीं।लोग लोगों के बारे में कहते हैं कि लोग मूर्ख हैं। मैं उन लोगों की तलाश में निकला,उन लोगों ने मुझे फिर इन लोगों के पास भेज दिया। जबकि हरकोई बात-बात पर किसी और को मूर्ख कह रहा है, फिर वे मूर्ख कहां छिपाएं गए? मुझे उनकी तलाश है। इतनी जनसंख्या में एक भी मूर्ख न मिलना वैसे देश का गौरव है। मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। लेकिन मैं भी हार माननेवाला नहीं था, मैंने दासबोध से मूर्खों के लक्षण पढ़ें।मनिषीयों के उद्धरण पढ़ें। चाणक्य से लेकर रामदेव बाबा तक सबको पढ़ा और फिर निकला ,मूर्ख की तलाश में। एक घर से सुना , पत्नी पति को और पति पत्नी को मूर्ख कह रहे थे और बेटा दोनों को मूर्ख कहकर बाह