ट्रेन टू पाकिस्तान" - खुशवंत सिंह


ट्रेन टू पाकिस्तान" - खुशवंत सिंह


   -सारांश: 

1956 में प्रकाशित हुई *"ट्रेन टू पाकिस्तान"* 1947 में भारत विभाजन के दौरान की हिंसा पर आधारित एक मार्मिक उपन्यास है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा पर स्थित मनो माजरा नामक एक छोटे से गाँव की कहानी है, जहाँ मुसलमान, सिख, और हिंदू सदियों से शांति से रहते आए हैं। खुशवंत सिंह ने ऐतिहासिक यथार्थ को एक काल्पनिक कहानी में प्रस्तुत किया है।


    कहानी का सार - 

मनो माजरा की शांति तब भंग हो जाती है जब पाकिस्तान से एक ट्रेन आती है, जिसमें हिंदू और सिखों के शव होते हैं। यह घटना गाँव में संप्रदायिक हिंसा का माहौल बना देती है। गाँव में संदेह, भय और नफरत का माहौल पसरने लगता है, और एकता धीरे-धीरे खत्म होती जाती है। कहानी के मुख्य पात्रों में जुगत सिंह (एक स्थानीय सिख अपराधी लेकिन नेकदिल व्यक्ति), इकबाल (एक पढ़ा-लिखा समाजवादी जो गाँव में आया है), और नूरन (जुगत की प्रेमिका और एक मुस्लिम लड़की) शामिल हैं। जैसे-जैसे तनाव बढ़ता है, जुगत और इकबाल दोनों अपने व्यक्तिगत विचारों और आसपास बढ़ रही नफरत की ताकतों के बीच फँस जाते हैं।


  *मुख्य विषय*

      **नफरत के बीच इंसानियत ** उपन्यास दिखाता है कि किस तरह साधारण लोग अपने मन से न चाहते हुए भी नफरत और हिंसा का हिस्सा बन जाते हैं।

       **नैतिक अस्पष्टता और बलिदान**: जुगत का एक कुख्यात अपराधी से एक निस्वार्थ नायक बनना इस उपन्यास का नैतिक सार है। वह अपनी जान की कुर्बानी देकर और अधिक खूनखराबा रोकने की कोशिश करता है, जो साहस और प्रेम की शक्ति को दर्शाता है।

       **हिंसा की निरर्थकता**: सिंह ने विभाजन की हिंसा की निंदा करते हुए इसे निर्दोष जीवन को तबाह करने वाला एक त्रासदीपूर्ण परिणाम दिखाया है।


   **महत्व**:

"ट्रेन टू पाकिस्तान" एक गहरा प्रतिबिंब है जो धार्मिक और जातीय संघर्षों में होने वाले मानवीय नुकसान को सामने लाता है। सिंह की भावुक कहानी उस दर्द और सहनशक्ति को दर्शाती है जो ऐतिहासिक शक्तियों के कारण समुदायों को झेलनी पड़ी।

My Opinion - 

यह उपन्यास केवल ऐतिहासिक कहानी नहीं है, बल्कि इंसान के स्वभाव पर टिप्पणी भी है, जो दिखाता है कि कैसे दर्दनाक समय में भी मानवता और नफरत का द्वंद्व चलता है। 

Comments

Popular posts from this blog

Some points to remove negative thoughts

Some Common interview questions

M.Com or B.Ed. Which is better