जैन धर्म का महत्वपूर्ण पर्व: पर्युषण पर्व नमस्कार दोस्तों! आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे जैन धर्म के एक प्रमुख पर्व के बारे में, जिसका नाम है पर्युषण पर्व। यह पर्व जैन समुदाय के लिए बहुत खास होता है, क्योंकि इसमें आत्मा की शुद्धि, आत्म-चिंतन और धर्म के मूल सिद्धांतों का पालन किया जाता है। पर्युषण पर्व श्रावण या भाद्रपद महीने में मनाया जाता है और यह श्वेतांबर और दिगंबर जैनों के लिए थोड़ा अलग-अलग तरीके से होता है। श्वेतांबर जैनों के लिए यह 8 दिनों का होता है, जबकि दिगंबर जैनों के लिए यह 10 दिनों का दसलक्षण पर्व कहलाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य है कि हम अपने जीवन में संचित पापों से मुक्ति पाएं और अच्छे कर्मों की ओर बढ़ें। लोग उपवास रखते हैं, जैन ग्रंथों का पाठ करते हैं, ध्यान करते हैं और एक-दूसरे से क्षमा मांगते हैं। खासकर सम्वत्सरी के दिन, जो पर्युषण का आखिरी दिन होता है, लोग "मिच्छामी दुक्कड़म" कहकर सभी से माफी मांगते हैं, जिसका मतलब है "अगर मैंने कोई गलती की हो तो मुझे माफ कर दो"। अब, पर्युषण पर्व में जैन धर्म के दस उत्तम धर्मों (उत्तम धार्मिक गुणों) पर ...
ट्रेन टू पाकिस्तान" - खुशवंत सिंह -सारांश: 1956 में प्रकाशित हुई *"ट्रेन टू पाकिस्तान"* 1947 में भारत विभाजन के दौरान की हिंसा पर आधारित एक मार्मिक उपन्यास है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा पर स्थित मनो माजरा नामक एक छोटे से गाँव की कहानी है, जहाँ मुसलमान, सिख, और हिंदू सदियों से शांति से रहते आए हैं। खुशवंत सिंह ने ऐतिहासिक यथार्थ को एक काल्पनिक कहानी में प्रस्तुत किया है। कहानी का सार - मनो माजरा की शांति तब भंग हो जाती है जब पाकिस्तान से एक ट्रेन आती है, जिसमें हिंदू और सिखों के शव होते हैं। यह घटना गाँव में संप्रदायिक हिंसा का माहौल बना देती है। गाँव में संदेह, भय और नफरत का माहौल पसरने लगता है, और एकता धीरे-धीरे खत्म होती जाती है। कहानी के मुख्य पात्रों में जुगत सिंह (एक स्थानीय सिख अपराधी लेकिन नेकदिल व्यक्ति), इकबाल (एक पढ़ा-लिखा समाजवादी जो गाँव में आया है), और नूरन (जुगत की प्रेमिका और एक मुस्लिम लड़की) शामिल हैं। जैसे-जैसे तनाव बढ़ता है, जुगत और इकबाल दोनों अपने व्यक्तिगत विचारों और आसपास बढ़ रही नफरत की ताकतों के बीच फँस जाते हैं। ...
Teaching English as a second or foreign language involves various methodologies, each with unique approaches to language acquisition. Here are some of the most recognized methods: Grammar-Translation Method: Focus: Emphasis on grammar rules, translation of texts, and memorization of vocabulary. Approach: Students learn grammar through rules and translate sentences from their native language to English and vice versa. It's less focused on speaking and more on reading and writing. Criticism: Often criticized for not promoting communicative competence. Direct Method: Focus: Oral communication, vocabulary through demonstration, not translation. Approach: Language is taught directly without using the learners' native language. Emphasis on listening and speaking. Words are associated with images or objects. Criticism: Requires skilled teachers and can be resource-intensive. Audio-Lingual Method: Focus: Listening and speaking skills through repetition and drills. Approach: Uses dial...
Hii sir..Nice blog
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