दोस्तों संग पहाड़ों की यारी
दोस्तों संग पहाड़ों की यारी,
जैसे गीत में हो मीठी किलकारी।
ऊँचाइयों से पिघलती बर्फ की धारा,
हमारे दिलों में बहती है प्यारी सी यादों की कारा।
पगडंडियों पर चलते हुए हम,
मंज़िल से ज़्यादा सफर का है गम।
धूप-छाँव के बीच की वो बातें,
हमेशा रहेंगी दिल में, मीठी मुलाकातें।
सर्द हवाओं में, गर्म चाय की चुस्की,
दोस्तों के साथ, खुशियों की है रस्में सजी।
आकाश छूते, हम चोटी पर जब चढ़ते,
सपनों के सितारे भी साथ हमारे उड़ते।
दोस्तों संग पहाड़ों की यारी,
हर पल है सुनहरी, हर याद है प्यारी।
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