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Showing posts from September, 2024

मूर्ख की तलाश

मुझे कई दिनों से मूर्ख की तलाश है मगर आजतक कोई मूर्ख मिल नहीं सका। हरकोई सयाना, समझदार और विद्वान हैं। मैंने कईयों से पूछा, मगर उन्होंने दूसरों का पता बताया। मैं उस हर आदमी से मिला जहां संभावनाएं दिखती थी फिर भी खाली हाथ! अब मुझे यकीन हुआ है कि दुनिया में कुछ भी मिल सकता है पर मूर्ख आदमी नहीं। यहां हरकोई दूसरे को मूर्ख कह रहा है, साबित करने में तूला हुआ है। उसे अपनी समझ पर जरा भी शक नहीं। मैं,कभी गलत होता ही नहीं।लोग लोगों के बारे में कहते हैं कि लोग मूर्ख हैं। मैं उन लोगों की तलाश में निकला,उन लोगों ने मुझे फिर इन लोगों के पास भेज दिया। जबकि हरकोई बात-बात पर किसी और को मूर्ख कह रहा है, फिर वे मूर्ख कहां छिपाएं गए? मुझे उनकी तलाश है। इतनी जनसंख्या में एक भी मूर्ख न मिलना वैसे देश का गौरव है। मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। लेकिन मैं भी हार माननेवाला नहीं था, मैंने दासबोध से मूर्खों के लक्षण पढ़ें।मनिषीयों के उद्धरण पढ़ें। चाणक्य से लेकर रामदेव बाबा तक सबको पढ़ा और फिर निकला ,मूर्ख की तलाश में। एक घर से सुना , पत्नी पति को और पति पत्नी को मूर्ख कह रहे थे और बेटा दोनों को मूर्ख कहकर बाह...

जीवन की सीख

 नदी का पानी मीठा होता है "क्योंकि"... वो पानी देती रहती है। सागर का पानी खारा होता है "क्योंकि"... वो हमेशा पानी लेता रहता है। नाले का पानी दुर्गंध देता है "क्योंकि"... वो "रुका" हुआ होता है। यही जिंदगी है...  देते रहोगे तो सबको मीठे लगोगे...  लेते रहोगे तो खारे लगोगे, और.... अगर रुक गये तो सबको बेकार लगने लगोगे।

Climatic Vulnerability: Challenges to Physical Landscape and Human Response

                                                                                                                                                                                                                                                          ...